कविता

मेरे पिता क्या है 

सिर पर बाल की छाया होते हैं पिता ,

जीवन का मजबूत स्तंभ होते हैं पिता ।

हर दुख को सहने की ताकत देते हैं पिता ,

सभी से बढ़कर साहस,विश्वास देते हैं पिता ।

जीवन की अमूल्य धरोहर होते हैं पिता ,  

घर के ऊपर छत की तरह छाया होते हैं पिता । 

फ़ूलों के कवच की तरह रक्षा हमेशा करते है पिता ,

हर परिस्थिति से लड़ने की सीख देते है पिता ।

पिता बिन जीवन का कोई औचित्य  नहीं होता ,

पिता समान जग में कोई अपना नहीं होता ।

जीवन का असली सार यही तो है मित्रों ,

जीवन की गुणवत्ता सुधार देते हैं पिता ।

पिता नहीं तो जीवन खाली खाली लगता है ,

हर वक़्त अजब सा सूना – सूना बना रहता है ।

पिता से होती है हर कमी पूरी जीवन की ,

पिता नहीं तो कोई भी अपना नहीं होता है ।

कैसे मैं समझाऊ अब अपने आप को ,

पिता जो हरदम हरवक्त यादों में रहते हैं । 

स्मृतियाँ हर क्षण हरपल तड़पाती हैं उनकी ,

कोई और उनके समकक्ष न हो पाती है ना पायी है ।

क्योंकि पिता की कमी कोई भर नहीं सकता ,

जो खाली रह गया वो जगह कोई कभी ले नहीं सकता ।

— रूपेश कुमार 

रूपेश कुमार

भौतिक विज्ञान छात्र एव युवा साहित्यकार जन्म - 10/05/1991 शिक्षा - स्नाकोतर भौतिकी , इसाई धर्म(डीपलोमा) , ए.डी.सी.ए (कम्युटर),बी.एड(फिजिकल साइंस) वर्तमान-प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी ! प्रकाशित पुस्तक ~ *"मेरी कलम रो रही है", "कैसें बताऊँ तुझे", "मेरा भी आसमान नीला होगा", "मैं सड़क का खिलाड़ी हूँ" *(एकल संग्रह) एव अनेकों साझा संग्रह, एक अंग्रेजी मे ! विभिन्न राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओ मे सैकड़ो से अधिक कविता,कहानी,गजल प्रकाशित ! राष्ट्रीय साहित्यिक संस्थानों से सैकड़ो से अधिक सम्मान प्राप्त ! सदस्य ~ भारतीय ज्ञानपीठ (आजीवन सदस्य) पता ~ ग्राम ~ चैनपुर  पोस्ट -चैनपुर, जिला - सीवान  पिन - 841203 (बिहार) What apps ~ 9934963293 E-mail - - rupeshkumar01991@gmail.com

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