छन्द
दिल से लगाने की जो बात मैने की हो कोई
दिल से लगा के वही बात ले जाइये
कितना भी कीजिए विरोध किसी बात का
मगर ना घरो को ना दुकानो को जलाइये
हिल मिल खुशियां त्योहार सब मनाये सदा
विष ना घृणा का यहाँ आप फैलाइये
ऐसा हो प्रयास यहाँ दूरियां कभी ना बढ़े
आपस में हंसने को महफिले सजाइये
— शालिनी शर्मा
वाह सुन्दर…