कविता

दिल छू जाना है

कुछ ऐसा लिख जाना है

 जो पढ़े उसका दिल छू जाना है

उससे हुई हर बात लिखनी है

उसके साथ हुई हर

 मुलाकात लिखनी है
हर एहसास को इस तरह बताना है
जो पढ़े उसका दिल छू जाना है
इस जमाने से मजबूर है

 हम शायद इसलिए आज दूर हैं हम
यादों को अल्फाजों में अच्छे से सजाना है

ताकि जो पढ़े उसका दिल छू जाना है
दूर होकर भी हम याद करते हैं

एक दूसरे से मिलने की

फरियाद करते हैं
यादों के सहारे भी होता है

 प्यार ही समझाना है और

 जो पढ़े उसका दिल छू जाना है

— संगीता चौरडिया

संगीता चौरड़िया B.Sc. B.Ed.

पिपलिया कला (पाली) 306307 राजस्थान

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