दोहे “कोरोना वायरस”
देख वायरस को मची, जग में हाहाकार।
कोरोना से डर रहा, सारा ही संसार।।
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जगह-जगह पर हो रही, कोरोना की जाँच।
विज्ञानी इस रोग की, रहे पोथियाँ बाँच।।
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कोरोना की उड़ रहीं, जगह-जगह अफवाह।
अपने-अपने ढंग से, देते लोग सलाह।।
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चेहरा ढककर मास्क से, घर से निकलो आप।
भीड़-भाड़ में मत करो, लग कर गले मिलाप।।
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साफ-सफाई का रखो, मन्त्र हमेशा याद।
करो तीन फिट दूर से, लोगों से संवाद।।
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तुलसी और गिलोय का, सेवन करना क्वाथ।
साबुन से धोना सभी, बार-बार निज हाथ।।
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लड़ना है डरना नहीं, कोरोना से आज।
सरदी और जुकाम का, करना जाँच-इलाज।।
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हवन करो लोबान से, जला धूप-नैवेद्य।
कभी किसी के द्वार पर, नहीं आयेंगे वैद्य।।
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(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)