ग़ज़ल
मस्ती’ में गीत इक गुनगुनाने लगे
नेता’ जी गीत तफ्सील गाने लगे |
रहनुमा रात भर कुछ बताने लगे
कुछ नई चाल सबको सिखाने लगे |
दौर चलता रहा मयकशी बारहा
चश्म से साक़िया मय पिलाने लगे |
जब मिली आँख से आँख, दिल खो गया,
शर्म को चश्म में वो छुपाने लगे |
फिर वही बात सब रहनुमा कह गए
धूर्तता रहनुमा आजमाने लगे |
वो अँधेरी निशा में नहीं चाँद अब
तीरगी मे नखत जगमगाने लगे |
इन्किलाबी फिजायें कटारी लगी
अब विरोधी सभी बात क्यों ताने लगे?
वो खजाना चुरा कर बना है धनी
देश के वो खजाना लुटाने लगे |
तफ्सील =स्पष्टीकरण ,
गलती का कारण बताना
नखत =सितारे