बाल कविता
आओ बच्चों खेलो खेल
नानाजी के आंगन खेल
नन्ही नन्ही तितली पकड़ो
रंग – बिरंगे पंखों देखो
यहां उड़ेगी वहां उड़ेगी
जब पकड़ो तो खूब उड़ेगी
धागा बांधकर खूब उड़ाओ
आसमान का सैर कराओ
रंग – बिरंगे फूलों पर बैठी
सबके मन को मोह लेती
बच्चे भी खूब करते खेल
देखो खूब मचाए शोर!
— विजया लक्ष्मी