बाल कविता

बाल कविता

आओ बच्चों खेलो खेल

नानाजी के आंगन खेल

नन्ही नन्ही तितली पकड़ो

रंग – बिरंगे पंखों देखो

यहां उड़ेगी वहां उड़ेगी

जब पकड़ो तो खूब उड़ेगी

धागा बांधकर खूब उड़ाओ

आसमान का सैर कराओ

रंग – बिरंगे फूलों पर बैठी

सबके मन को मोह लेती

बच्चे भी खूब करते खेल

देखो खूब मचाए शोर!
— विजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी (स्नातकोत्तर छात्रा) पता -चेनारी रोहतास सासाराम बिहार।