मोहब्बत, बातें, इश्क, लडाई..
जो करना है कर लो भाई।
है तमाम तकनीकों को समेटे
लघुता में ही प्रभुता सब पा लो।
कहते हैं जिसको हम मोबाइल
बन चुका है अब सबका स्टाइल।
सभी आदतें छूट गई हैं अब
धर लिया हमने जबसे मोबाइल।
बचपन के खिलौने भी वो भूले
बच्चे, बूढ़े, सब हुए मस्तमौले।
सड़कों पर थामे चलते सब
दुर्घटनाएं बढती रहतींं हैं अब।
सेल्फी की तो बात मत पूछो
युवा पीढ़ी क्या खूब रमाई।
काम सभी उल्टी सीधी करते हैं
मोबाइल ने क्या असर दिखाई ।
— सीमा शर्मा सरोज