ग़ज़ल
लो कहता हूं जो कहा नहीं
धड़कनों में मेरी हो तुम्हीं
चलो बसाएं एक दुनिया
इस दुनिया से दूर कहीं
कर सके न जुदा कोई
हमें अब रहना वहीं
तुमसे है वजूद मेरा
तुम नहीं तो मैं नहीं
✍️ आलोक कौशिक
लो कहता हूं जो कहा नहीं
धड़कनों में मेरी हो तुम्हीं
चलो बसाएं एक दुनिया
इस दुनिया से दूर कहीं
कर सके न जुदा कोई
हमें अब रहना वहीं
तुमसे है वजूद मेरा
तुम नहीं तो मैं नहीं
✍️ आलोक कौशिक