कविता

एक कहानी- रक्तबीज कोरोना महामारी 

आओ सुनाऊं ……..
तुम्हें कहानी ऐसे महा विनाश की ,
कोई देश बच ना सका ,
उस रक्तबीज कोरोना की ऐसी मार थी।
आओ सुनाऊं ……तुम्हें कहानी ऐसे महा विनाश की ,
छूने से ही फैल गया ,
एक देश से दूसरे देश गया ।
लाखों को ही मार गया।
 भय का कर ,ऐसा संचार किया।
 जीवन पर ऐसा वार किया।
 उस रक्तबीज कोरोना ने हर कहीं विनाश किया ।
अर्थव्यवस्था पर घात किया ।
धर्म भी ना बच सका इससे, इंसानियत पर ऐसा आघात किया।
 आओ सुनाऊं ………. तुम्हें कहानी ,
ऐसे महाविनाश की ,कोई देश बच ना सका।
उस रक्तबीज  कोरोना की ऐसी मार थी ।
लोगों को घर में बंद किया ।
गरीबों को बेघर किया ।
खड़ी फसल सड़ गई खेतों में,
 मेहनत को बेरंग किया ।
आओ सुनाऊं….. तुम्हें कहानी ।
ऐसे महाविनाश की,
कोई देश बच ना सका ।
उस रक्तबीज कोरोना की ऐसी मार थी।
 एकजुट  होकर विश्व खड़ा था।
 रक्तबीज कोरोना हर कोई लड़ा था।
— प्रीति शर्मा असीम

प्रीति शर्मा असीम

नालागढ़ ,हिमाचल प्रदेश Email- [email protected]