विद्या ददाति विनयं
लॉकडॉउन में घर बैठे – बैठे बोर हो चुकी थी वो । सोचा चलो थोड़ी तफरी कर ली जाए।
“मैडम ! आपका मास्क किधर है और किस जरूरी काम से आप बाहर जा रही हैं?” ,पुलिस वाला उसे रोकते हुए बोला ।
“मुझे रोकने की तेरी हिम्मत कैसे हुई? पता है मैं कौन हूं?” अमीर बाप की पढ़ी – लिखी बेटी गुर्राई।
“मैडम मैं तो ….” अधेड़ उम्र के पुलिस वाले ने कुछ बोलना चाहा।
“अपनी औकात में रह कर बात करो । यूं ब्ल… ” और गाड़ी में वह फुर्र से उड़ गई ।
“विद्या ददाति विनयं” का बोर्ड सामने मुंह चिढ़ा रहा था ।
अंजु गुप्ता