कविता

मिलकर कदम बढ़ाना होगा

शीर्षक -मिलकर कदम बढ़ाना होगा

मिलकर कदम बढ़ाना होगा।
सृष्टि पर आए संकट से ,
सबको हमें बचाना होगा ।।

कोरोना को विध्वंस करके ,
जगत को,
वायरस मुक्त बनाना होगा ।।
संपूर्ण जगत के हर मानव को,
अब, मिलकर
कदम से कदम बढ़ाना होगा।।

सृष्टि पर आए संकट से ,
सबको हमें बचाना होगा।

स्वच्छता का ध्यान ,
अब रखना होगा।
जनसंख्या विस्फोट,
को भी मथना होगा।
बढ़ते कचरे को,
भी थमना होगा।
मिलकर कदम बढ़ाना होगा

तरक्की की अंधी दौड़ में ,
मशीनी मानव बनती दुनिया को,
मानवीय चिंतन का ,
सबक सिखाना होगा।

संपूर्ण जगत के हर मानव को ,
अब मिलकर ,
कदम से कदम बढ़ाना होगा।

जीवन पर जो संकट बना है।
उसका हल ………..
अब सावधानी से पाना होगा ।

फिर से जीवन सजल हो ,
पावन धरा पर ,
सबको
मिलकर कदम बढ़ाना होगा।

स्वरचित रचना
प्रीति शर्मा “असीम ”
नालागढ़ हिमाचल प्रदेश

प्रीति शर्मा असीम

नालागढ़ ,हिमाचल प्रदेश Email- aditichinu80@gmail.com