कविता

पक्के हिंदुस्तानी (कविता)

भारतवासी    वीर   बनो ,  ऋषियों   की  है यह  वाणी ,
नेक,  बहादुर,  धीर   बनो ,  तुम   पक्के    हिन्दुस्तानी।

सीता,  राधा,  सती,  सावित्री  की,   धरती  यह  न्यारी ,
गंगा,  यमुना,  सरस्वती  –  सी , नदियाँ  पूज्या   प्यारी।

रामकृष्ण  –  सम   परमज्ञानी    का ,  देश    हमारा  है ,
विविध   धर्म    का   मर्म  –   एक   सिद्धांत  हमारा  है।

ईसाई  –  सिख  –  मुसलमान  –  हिन्दू,   सब   हैं   भाई,
नील  –  पंचनद  –  अरबसागर  –  सिंधु,  कब  से  खाई।

अपने    आदर्शों    पर   है  ,   कुर्बान    जहाँ    जवानी ,
नेक,  बहादुर , धीर   बनो  ,  तुम    पक्के   हिन्दुस्तानी।

वेद, कुरआन, गुरुग्रंथ, बाइबिल का, अद्भुत संगम अपना,
मानव – मानव  एक  बने ,  बस –  यही   हमारा  सपना ।

रावण , कंश , हिरण्यक   के, गौरव   को    ढहते   देखा ,
आदर्शों  की    प्रतिमाएँ   आयी, पढ़ी  है  सबने   लेखा ।

जन्मे  द्रोण,  बुद्ध,  गांधी  और   विदुर – से  सच्चे  ज्ञानी,
नेक,  बहादुर,  धीर   बनो ,  तुम    पक्के    हिन्दुस्तानी ।

[नोट :- प्रस्तुत कविता सर्वप्रथम ‘भागीरथी’ के अगस्त 1989 अंक में प्रकाशित हुई थी, जिनके लिए जनवरी 1991 में मा. प्रधानमंत्री श्री चन्द्रशेखर ने शुभकामना-पत्र भेजे थे। इस कविता को 1994-95 के लिए नेशनल अवार्ड के रूप में ‘राष्ट्रीय कविता अवार्ड’ भी प्राप्त हुई थी और ‘अभी भी कुछ शेष है’ नामक कविता-संकलन में यह 1995 में पुनः प्रकाशित हुई थी, जिनके संपादक डॉ. शेरजंग गर्ग रहे। ‘नंदन’ के संपादक श्री जयप्रकाश भारती ने इस कविता की प्रशंसा करते हुए ‘नंदन’ के तब के अंकों में प्रकाशित किए थे। यह कविता महा. राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा संबोधित राष्ट्रीय युवा महोत्सव, भोपाल के लिए भी स्वीकृत हुई थी। महा. राष्ट्रपति सरदार ज्ञानी जैल सिंह द्वारा स्थापित राष्ट्रभाषा हिन्दी से संबंधित संस्था द्वारा इस कविता को राष्ट्रभाषा और देशभक्ति प्रसार के लिए स्वीकृत हुई थी।]

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.