मोटिवेशनल स्पीच (लघुकथा)
एक प्रतियोगी छात्र और उनकी माँ जो तलाकशुदा महिला थी, एक मोटिवेशनल स्पीच देनेवाले शख़्सियत के पास आये और उन दोनों के ‘फ्रस्ट्रेशन’ दूर करने के लिए टिप्स देने को कहने लगे !
जानदार स्पीकर ने उस महिला के पुत्र को कहा- सभी प्रतियोगियों को ‘प्रतियोगिता परीक्षा’ से एक माह पहले नए टॉपिक और कॉन्सेप्ट पढ़ने बंद कर देने चाहिए, तभी वो सफल होंगे !
फिर वह उस छात्र की तलाकशुदा माँ से मुखातिब हो एक आँख मारते कहा- अगर सहमति से विवाहित महिलाओं से भी दिल और ‘बिल’ मिल जाय, तो अन्य को आपत्ति क्यों ? अब तो इसके पक्ष में न्यायादेश भी पारित है ! आप तो ऐसे भी तलाकशुदा हैं !
उस मोटिवेशनल चैम्बर से बाहर निकलते समय तीनों जने खुश थे और मुस्कराते हुए एक-दूजे-तीजे को हाथ हिला रहे थे !