कथा साहित्यलघुकथा

रुमालनामा (लघुकथा)

ट्रेन ने रफ्तार पकड़ ली थी….

ट्रेन में शौचनिवृत्ति पर उसे बड़ी कठिनाई होती थी, फुलपैंट को दोनों टाँगों से बाहर निकालकर हाथ में मोड़कर रख लेते हैं, फिर अंडरवियर को एक टाँग से निकालकर दूजे टाँग से चस्पाये रखते है।

गाड़ी हिलती है, मल भी छिटकती है। सबसे ज्यादा परेशानी ‘गाँ…’ धोने में होती है। इस बीच दो परेशानी और भी आ ही जाती है, बाहर से अनवरत नॉक किया जाना, फिर अचानक ही नल से पानी खत्म हो जाय ! एकबार तो उसने अपनी ही मूत से ‘गाँ…’ धोये थे।

जब कोल्ड ड्रिंक पीने का औकात नहीं हो, तब बेसिलरी वाटर से ‘गाँ…’ धोने की नियति अवास्तविक ही है, उन जैसों के लिए…. फिर तब हगलगाँ…. दूसरे वाशरूम जा-जाकर पानी ढूढ़ते जाना किसी खोज या आर्किमिडीज की यूरेका से कम के प्रयास नहीं हुए थे, उस दिन उसके लिए ! फिर भी सफलता नहीं मिली, रुमाल से गाँ…. पोंछकर ‘रुमाल’ लैट्रिन के छेद बाहर गिरा देने पड़े!

यह रुमाल उसे प्रेमिका ने दी थी…. पर यह किस्सा उसे सुनाकर वो अपने ही पैरों कुल्हाड़ी मार लिये ! दोनों में संबंध-विच्छेद हो गए….
कहते हैं, तब से ही प्रेमी या प्रेमिका को रुमाल देने से रिश्ते में दरार आ जाती है !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.