कवितापद्य साहित्य

चचाजान अब्दुल कलाम को सलाम (कविता)

हद कर दी आपने प्रभु !
कि रक्षापुत्र को उठा लिए,
सपनों को सच्चाई में जीनेवालों को
आखिर क्यों बुला लिए ?

स्वदेशी उपग्रह उनके निर्देशन में
अंतरिक्ष प्रस्थान किए,
अणु बम के लिए पोखरण में
बुद्ध फिर-फिर मुस्कराए !

कोई भारतरत्न पहलीबार
हुए सरकार के सलाहकार,
होकर भारत के राष्ट्रपति भी
सुलभ विज्ञान करके चमत्कार !

महासागर के तट जन्म लिए
मेघों के मेघालय में प्राण त्यागे,
वीणा की साज सजते
अजान भी पढ़नेवाले है अहोभाग्य !

हाँ, चचाजान !
देश में थम गया है विज्ञान,
तुम्हारे जाने के बाद
चाँद को टकटकी लगाए हैं चंद्रयान।

एक-एक कर भारत छोड़ गए
वो मैथ्स विज़ार्ड वशिष्ठ भी,
ह्यूमन कंप्यूटर शकुंतला जी
कोरोना ने लिए महाप्राण भी।

लगे ज्ञान जब बढ़ने को
न्यू प्राइम नंबर्स पकड़ने को,
आइये यहाँ बारम्बार
समय का वेग जकड़ने को !

हाँ, चचाजान !
भारतरत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम,
हे अविराम ! वलेकुम सलाम !
सादर प्रणाम ! सादर प्रणाम !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.