नवाबगंज ठाकुरबाड़ी से गोगाबिल पक्षीविहार
नवाबगंज ठाकुरबाड़ी : भव्य स्थापत्यकला
कटिहार के मनिहारी अंतर्गत नवाबगंज ग्राम को यूँ तो बंगाल के नवाब सिराज़ुद्दौला के मौसेरे भाई और खुद पूर्णिया स्टेट के नवाब शौकतजंग ने बसाया था, किन्तु उनके साक्ष्य प्रतीक उनके किला की ईंटों से बना हाईस्कूल भी ऐतिहासिक तो हुआ, तथापि आज़ादी के पूर्व ही नींव लिए और इन सालों से अपनी ही भव्यता को चिढ़ाती ‘श्री श्री 108 राधाकृष्ण ठाकुरबाड़ी मंदिर’ तो श्री श्री राधा और श्री कृष्ण के युगल-प्रतिमा लिए है, परंतु मंदिर की नक़्क़ाशी, उत्तुंग शिखर पर रक्षार्थ बाघ-द्वय, पत्थर के फूल-पत्ते और उनमें अबरख की चिनाई, फिर बहुरंगी स्तम्भ, संगमरमरी क्लप इत्यादि लिए यूनानी-ग्रीक कला की याद दिला देते हैं । कभी यहाँ नेपाल, भूटान और बर्मा तक से लोग आकर इस भव्यता का अवलोकन करते थे । इस ठाकुरबाड़ी के प्रांगण में शिवालय, माँ पार्वती, दुर्गा, सरस्वती और प्रांगण से बाहर आते ही सबके रक्षार्थ पवनपुत्रदेव भी हैं । मंदिर की स्थापना में ग्रामवासी सहित खासकर भूदाता राश चंद्रावती देवी और उनके पति लहरू सिंह की महती भूमिका रहे हैं, तथापि रायबहादुर हेमचन्द्र राय की संरक्षणीय भूमिका भी रही। सम्प्रति, ‘ठाकुरबाड़ी’ को और भी दर्शनीय बनाये जाने की आवश्यकता है।
गोगबिल पक्षीविहार : पक्षी कम, विहार ज्यादा
सम्पूर्ण बिहार में आधिकारिक रूप से सिर्फ दो पक्षी-विहार हैं, एक बेगूसराय में काबर झील और दूसरा कटिहार के मनिहारी अनुमंडल में ‘गोगाबिल पक्षी-विहार’, किन्तु अब वहाँ गोखुर झील के सिवाय देखने को कुछ नहीं ! सिर्फ़ पिकनिक के लिए सैर -सपाटे भर ! दो दशक पहले अंतरराष्ट्रीय सुर्ख़ियों में आये इस पक्षी-विहार में जाड़े के मौसम में रूस, यूक्रेन, बेलारूस, उज़्बेकिस्तान समेत यूरोप के कई देशों से हजारों की संख्या में रंग-बिरंगें प्रवासी पक्षियाँ नवम्बर से लेकर फ़रवरी तक जल-विहार और जल-किलोलियाँ करती थीं, परंतु इस पक्षी-विहार में चोरी छिपे शिकारियों और मछुआरों द्वारा इन पक्षियों को मारकर आहार बनाये जाने के कारण इधर के कई वर्षों में विदेशी पक्षियों ने यहाँ आने बंद कर दिए हैं । अब विदेशी पक्षी नगण्य है यहाँ, किन्तु इसे मज़बूती से संरक्षित किया जाय, तो शीघ्र ही रंग-बिरंगे पक्षियों के जल-किल्लोल देखने को मिलेंगे ! ध्यातव्य है, इस पक्षी-विहार पर जिले के शिक्षक टी.एन. तारक और ए. के. अधीश्वर ने शोधकार्य कर Ph.D. भी प्राप्त किए हैं।