क्षणिकापद्य साहित्य

मटरगश्ती करती 3 कविताएँ

मटरगश्ती करती कुछ कविताएँ…..

1.

झोलाछाप डॉक्टर

मुम्बई में नहीं रहता !
रूरल एरिया का
झोला छाप डॉक्टर हूँ,
गोकि
स्पेशियलिस्ट नहीं हुआ जा सकता !
इसीलिए जेनरल फिजिसियन ही हूँ…
फेसबुक तो आनंद का प्लेटफॉर्म है,
यहीं से रोगी को ढूढ़ता हूँ
और झोले में भर
नोटों को ले जाता हूँ,
क्योंकि फेसबुकिया रोग तो
ताउम्र चस्पने वाला है,
भागनेवाला नहीं !
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2.

मित्र सप्तमी

आज मित्र सप्तमी है
तो
सभी तरह के
यानी
दिलवाले,
दिलजले,
दिलजलाये
मित्रो को शुभकामनाएं
एतदर्थ !
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3.

‘स’ वर्ण स्वाहा !

सरकार….
सार्थक,
सकर्मक,
सुंदर,
सुभर,
सुभट,
सुघर,
सुशील,
सुमधुर,
सुसज्जित,
स्वानंद,
सौम्य,
सुमुख,
संस्कारित,
सुकोमल,
सानंद,
शालीन,
सरस,
सरल,
सुधामृत,
स्वार्थरहित,
स्वस्थ,
सुमंगल,
शुभजीवन ।
सबको सादर स्वाहा !
स’वर्ण शुभचिन्तक-
सदानंद ।
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डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.