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गणितज्ञ डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह : जबतक जीवित रहे, किसी ने सम्मान नहीं दिए !

महान गणितज्ञ डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह अब हमारे बीच नहीं है । दुनिया ने इनकी प्रतिभा का लोहा माना, भारत ने भी माना, किन्तु पत्नी ने नहीं माना ! मानसिक रूप से असंतुलित होने पर उनका इलाज किसी स्तर से भी ठीक से नहीं हो पाया, न ही उन्हें जीते जी पद्म अवार्ड ही मिल पाया ! अंतिम दिन भी PMCH में उनके लिए कोई सम्मान नहीं था !

हालाँकि उनके निधन पर महामहिम राष्ट्रपति सर ने शोक व्यक्त किए हैं । कभी नासा के भौतिक विज्ञानी रहे, IIT के प्रोफ़ेसर व ISI के सांख्यिकी विद्वान बिहार के आरा जिले के रहनेवाले थे वे छपरा में ससुराल था । बचपन से ही उच्च कोटि के मेधावी डॉ. वशिष्ठ को लेखक और गणितज्ञ सदानंद पाल ने अपनी गणितीय आलेख के सहारे श्रद्धांजलि प्रस्तुत कर रहे हैं।  कि गणित विधा ‘नोबेल’ की सूची में नहीं है, यह उस विषय को छोड़कर दी जाती है।

अगर किसी की रचना अंग्रेजी में अनूदित होकर विश्वस्तर पर छा रही है, तो इस शर्तिया ध्यान दिया जाता है कि यथोक्त वर्ष वह लेखक व कवि ‘नोबेल’ के लिए नॉमिनेट हो ! यह नॉमिनेशन स्वीडिश अकादेमी के मेंबर्स करते हैं अथवा पूर्व के उस विधा के नोबेल पुरस्कार विजेता ! गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर की रचना अंग्रेजी में अनूदित होकर वहाँ तक पहुँची थी, तो हाल के वर्षों में स्व. महाश्वेता देवी, स्व. गिरीश कर्नाड आदि भी अनूदित होकर ही वहाँ पहुँचे थे !

सरकार और प्रकाशकों द्वारा डॉ. वशिष्ठ की तमाम गणितीय खोजों को गहनतम रूप से खोजकर प्रकाशित करनी चाहिए !

डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह मरणोपरांत ‘पद्मश्री’ से अलंकृत किए गए।

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.