बिल्ली
कितनी प्यारी मेरी बिल्ली,
‘म्याऊं-म्याऊं’ करती है,
चूहे खाती खूब शौक से,
पर कुत्ते से डरती है.
दूध-मलाई मिल जाएं तो,
खाकर खूब उछलती है,
प्यार से पालो प्यार बांटती,
डांटो खूब मचलती है.
— लीला तिवानी
कितनी प्यारी मेरी बिल्ली,
‘म्याऊं-म्याऊं’ करती है,
चूहे खाती खूब शौक से,
पर कुत्ते से डरती है.
दूध-मलाई मिल जाएं तो,
खाकर खूब उछलती है,
प्यार से पालो प्यार बांटती,
डांटो खूब मचलती है.
— लीला तिवानी