महिला सशक्ति : किन्तु शक्तिशाली हुई महिलाएँ !
वरिष्ठ संपादक मृणाल पांडे का लेख ‘महिला सशक्तिकरण की स्याह तस्वीर’ वर्त्तमान सरकार के प्रति उनके पूर्वाग्रह को ही दर्शाता है । मैं उनसे पूछता हूँ कि क्या भारत के इतिहास में ऐसा प्रथम बार नहीं हुआ कि सभी महिला कर्मचारियों को 6 मास का मातृत्व अवकाश मंजूर हुआ, अब से पहले 3 माह की छुट्टी होती थी । तब गर्भवती महिला गर्भकालीन अवस्था में भी अपनी ड्यूटी में लगी रहती थी…… लेखिका को पूर्वाग्रह का चश्मा हटाकर वास्तविकता को देखना चाहिए ।
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‘होली’ भारतीय परंपरा में आनंद का पर्व है । यह ‘बसंत’ ऋतु में मनाया जाता है । प्रकृति नए पत्तों और फूलों से सजकर तैयार रहती है । हवाएं मयूर जैसे नाच उठते हैं । किसान रबी फसलों की कटनी और दौनी करते हैं जन – मन पुलकित हो उठता है…… हमें शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले रंगों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए ।