मजदूर (हाइकू)
मजदूर(हाइकू)
सड़क पर
भटक रहे नित
ये मजदूर…
खाने को नहीं
पीने को नहीं पानी
हैं मजबूर…
हैं नंगे पाँव
धूप ऊपर तेज
भूखे प्यासे हैं…
है बेरहम
सरकार बहुत
सोचती नहीं…
छोटे – छोटे से
बच्चे मासूम रोते
बिलखते हैं…
दम तोड़ दी
बहुत से बेचारे
दीन हीनों ने….
अब तो सुनो
हे सरकार तुम
करो रहम….
करबद्ध हैं
हे जग के ईश्वर
सुनो पुकार…
………..
डॉ. शशिवल्लभ शर्मा