मुक्तक/दोहा

खूबसरत आँखें

खूबसूरत झुकी पलकें तुम्हारी सीप लगती हैं
किसी नीले समंदर की छोटी सी झील लगती है,
न जाने क्यों तमन्ना है इनमे डूब जाने की
बनारस के शिवालय का महकता दीप लगती हैं।।

डॉ. शशिवल्लभ शर्मा

डॉ. शशिवल्लभ शर्मा

विभागाध्यक्ष, हिंदी अम्बाह स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, अम्बाह जिला मुरैना (मध्यप्रदेश) 476111 मोबाइल- 9826335430 ईमेल[email protected]