खूबसरत आँखें
खूबसूरत झुकी पलकें तुम्हारी सीप लगती हैं
किसी नीले समंदर की छोटी सी झील लगती है,
न जाने क्यों तमन्ना है इनमे डूब जाने की
बनारस के शिवालय का महकता दीप लगती हैं।।
डॉ. शशिवल्लभ शर्मा
खूबसूरत झुकी पलकें तुम्हारी सीप लगती हैं
किसी नीले समंदर की छोटी सी झील लगती है,
न जाने क्यों तमन्ना है इनमे डूब जाने की
बनारस के शिवालय का महकता दीप लगती हैं।।
डॉ. शशिवल्लभ शर्मा