इतिहासलेख

प्रयज्ञ से प्रयागराज वाया इलाहाबाद !

भारत के इतिहास में इलाहाबाद का स्थान ऐतिहासिक के साथ-साथ धार्मिक भी है, ऐतिहासिक से पहले धार्मिक कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी ! ऐसी महत्ता लिए वाराणसी यानी बनारस के बाद यूपी ही नहीं, वरन देश के सबसे प्राचीन शहर है।

साथ ही इस शहर में भारत की पवित्र नदी-त्रय, यथा- गंगा, यमुना और सरस्‍वती का संगम भी है, जिसे त्रिवेणी संगम के नाम से जाना जाता है। इस शहर को इसके प्राचीन नाम ‘प्रयाग’ से भी जाना जाता है। प्रयाग का अर्थ ‘प्रयज्ञ’ यानी वृहद यज्ञ स्थल से है।

माना जाता है कि सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा ने प्रथम यज्ञ इसी स्थल पर किये थे, फिर उसके बाद यहाँ अनगिनत यज्ञ हुए। धार्मिक रूप से यह एक महत्वपूर्ण स्थल है।

प्राचीन शहर होने के कारण इलाहाबाद में ऐतिहासिक इमारतें, मंदिर और महल देखे जा सकते हैं, यथा- इलाहाबाद किला, स्वराज भवन, आनंद भवन, वृहद हनुमान मंदिर, हाईकोर्ट, खुसरो बाग, शिव कुटी, मिंटो पार्क, लाइब्रेरी, म्यूजियम, अल्फ्रेड यानी आजाद पार्क, भारद्वाज आश्रम, त्रिवेणी संगम।

त्रिवेणी संगम 12 वर्षीय कुंभ स्नान के लिए ज्यादा सनातनख्यात है। जिला और रेलवे जंक्शन के रूप में अब इसे ‘प्रयागराज’ कहा व लिखा जाता है । हालाँकि यह नाम इलाहाबाद के प्राचीन नाम ही है।

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.