प्रयज्ञ से प्रयागराज वाया इलाहाबाद !
साथ ही इस शहर में भारत की पवित्र नदी-त्रय, यथा- गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम भी है, जिसे त्रिवेणी संगम के नाम से जाना जाता है। इस शहर को इसके प्राचीन नाम ‘प्रयाग’ से भी जाना जाता है। प्रयाग का अर्थ ‘प्रयज्ञ’ यानी वृहद यज्ञ स्थल से है।
माना जाता है कि सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा ने प्रथम यज्ञ इसी स्थल पर किये थे, फिर उसके बाद यहाँ अनगिनत यज्ञ हुए। धार्मिक रूप से यह एक महत्वपूर्ण स्थल है।
प्राचीन शहर होने के कारण इलाहाबाद में ऐतिहासिक इमारतें, मंदिर और महल देखे जा सकते हैं, यथा- इलाहाबाद किला, स्वराज भवन, आनंद भवन, वृहद हनुमान मंदिर, हाईकोर्ट, खुसरो बाग, शिव कुटी, मिंटो पार्क, लाइब्रेरी, म्यूजियम, अल्फ्रेड यानी आजाद पार्क, भारद्वाज आश्रम, त्रिवेणी संगम।
त्रिवेणी संगम 12 वर्षीय कुंभ स्नान के लिए ज्यादा सनातनख्यात है। जिला और रेलवे जंक्शन के रूप में अब इसे ‘प्रयागराज’ कहा व लिखा जाता है । हालाँकि यह नाम इलाहाबाद के प्राचीन नाम ही है।