मजदूर–( गीतिका )
जख्म दिया है दवा भी दे दो ,
उनके हक की हवा भी दे दो।
आटा चावल संग सेवक जी ,
एक पुराना तवा भी दे दो।
चलते चलते हुए हैं छाले ,
पैरों खातिर दवा भी दे दो।
मांग रहा मजदूर बेचारा ,
गाँवों वाली हवा भी दे दो।
गांव जाने को सब व्याकुल हैं ,
वादा प्यारा नवा भी दे दो।
रोटी तो मिल रहा है उनको ,
थोड़ा हलवा रवा भी दे दो।
— महेंद्र कुमार वर्मा