गीतिका/ग़ज़ल

छोड़ो जी ( गीतिका )

अपनों से मुख मत मोड़ो ,
जीवन का हर दुख छोड़ो।

पेड़ जो दे शीतल छांह ,
मत काटो उसे निगोड़ों।

गरमी में दे शीतल जल ,
उस मटके को मत फोड़ो।

नाटक करता सोने का ,
उसको थोड़ा झिंझोड़ो।

जो है भला पड़ोसी जी ,
उससे इक नाता जोड़ो।

प्यास लगे तो कुआँ खोद ,
ऐसी बातें अब छोडो।

— महेंद्र कुमार वर्मा

महेंद्र कुमार वर्मा

द्वारा जतिन वर्मा E 1---1103 रोहन अभिलाषा लोहेगांव ,वाघोली रोड ,वाघोली वाघेश्वरी मंदिर के पास पुणे [महाराष्ट्र] पिन --412207 मोबाइल नंबर --9893836328