कविता

मुलायमी स्वागत लिए

मुलायम धूप, गर्म बर्फ,
नीली घास, रात्रि इंद्रधनुष,
सफ़ेद क्रोध, अग्नि ठंड,
क्षमातु बाघ, क्रुद्ध ममता, अडिग संत,
सभी विपरीत है
और इनके ज़ज़्बे के साथ,
जो प्रक्रम या इंसान का अक़्स
उभरता है, वो मेरे मनु का है
कि तुम्हारे शब्द स्वागत के लिए बने हैं
मुलायमी स्वागत के लिए,
जैसे- रूह को रूई से ढँक दिया गया हो
या पत्ते पर रंग-बिरंगे चींटी दौड़ लगा रहे हों
कि ऊँघते ऐसे लोगों के लिए
धरती ही बिछौना हो
हाँ, भइया,
रुपये या डॉलर- पौंड से
नींद की गोली खरीद सकते हो,
सिर्फ़ नींद नहीं !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.