संस्मरण

मार्च 2020 : डायरीनामा

मार्च में होली पर लोग इस कारक् को हवा में उड़ाते हुए खूब गुलछर्रे उड़ाए, इसलिए लोग फगुआ के बोल चार किये, किंतु बासी मलपूवे का मजा नहीं ले पाए ! हालाँकि यह वायरस हवा में न होकर थूक, लार, कफ़ इत्यादि से निसृत होती हैं ! यूट्यूब चैनल kura kachra में कविता ‘बुरा ना मानो होली है’ के बहाने हिंदी में ‘कोरोना’ का जिक्र हुई, तो अलग से इसी चैनल ने हिंदी साहित्यकार डॉ. सदानंद पॉल की कविता ‘तुम मिस कौना नहीं, मिसेज कोरोना हो’ उनके ही स्वर में प्रसारित किया, जो कि हिंदी में ‘कोरोना’ पर पहली कविता है ! भारत में भी कोरोना वायरस जनित COVID-19 को विपदा यानी ‘महामारी आपदा’ घोषित की गई. इसी बीच बिहार में इंटरमीडिएट और मैट्रिक परीक्षाओं की कॉपी जाँच, किंतु अपने-अपने संगठन के आह्वान पर हड़ताल पर गए शिक्षक कॉपी जाँच हेतु परीक्षक कैसे हो सकते हैं ? फिर जो टीचर कॉपी-जाँच में नहीं गए, उन्हें निलंबित कर दिया गया. होली भी खत्म हो चुकी और बासी मलपूवे व दहीबड़े खाने के लिए ये शिक्षक मौजू थे कि उन्हें नौकरी के निलंबन की चमाटी लग गई ! धीरे-धीरे राज्यों में स्कूल-कॉलेज, मॉल आदि बंद होने लगे ! राष्ट्र के नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश के प्रसंगश: 22 मार्च को ‘घरघुसकी’ लिए जनता कर्फ़्यू का एलान हो गया कि लोग पीएम के आह्वान पर शाम ताली, थाली, ड्रम, ढोल, घंटी, घंटा और शंख भी खूब बजाए. ‘जनता कर्फ़्यू’ रिहर्सल ही साबित हुआ, जब इसे पहलेपहल राज्य सरकारों ने 31 मार्च के लिए लॉकडाउन के प्रसंगश: बढ़ाये, तो प्रधानमंत्री ने सप्ताह के अंदर दूसरी बार राष्ट्र के नाम संदेश में 24 मार्च की 12 बजे रात्रि से 14 अप्रैल की 12 बजे रात्रि तक के लिए पूरे देश में लॉकडाउन घोषित कर दिए यानी अपने ही घरों में लोग नजरबंद रहेंगे, सोशल डिस्टनसिंग लिए ! अगर किसी से बात करने की आवश्यकता पड़ी तो एक मीटर की दूरी लिए और मुँह पर जाबी, मास्क, गमछी या तौलिये लिए ! सिर्फ़ विशुद्ध खाद्य पदार्थों की दुकान ही खुली रहेगी, अनाउंसमेंट की गई ! ….हाथ को चेहरे तक न ले जाओ, न मुँह पर, न आँख पर यानी हाथ प्राय: साबुन-पानी, डेटॉल, हैंडवाश से धोते रहो… और यहीं से ‘अदृश्य दुश्मन’ के साथ लड़ाई शुरू हो गई ! वैसे खासकर मुझे चौक-चौराहों पर घूमने की आदत नहीं है, इसलिए मेरे लिए फायदा ही हुआ. इसी बीच मध्यप्रदेश में कांग्रेसनीत गठबंधन की सरकार कई दिनों की ड्रामे के बाद गिरी, तो भाजपानीत सरकार सोशल डिस्टेंसिंग में भी प्रतिस्थापित हुई ! गायिका कनिका कपूर भी रोगग्रस्त रहते हुए कई पार्टी अटेंड की, जिनमें राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री भी सांसद पुत्र के साथ शामिल थी ! हिंदी साहित्यकार डॉ. सदानंद पॉल की “कोरोना चालीसा” को ‘मैसेंजर ऑफ आर्ट’ ने प्रकाशित की, तो उनके ही स्वर में यूट्यूब चैनल ने प्रसारित भी की। यह कोरोना पर पहली चालीसा रही! राशन दुकानकारों और सब्जी विक्रेताओं ने अधिक दामों में खाद्य-सामग्रियां बेचकर मुनाफाखोरी सहित कालाबाज़ारी में भी लग चुके हैं ! पुलिसिया पकड़-धकड़ पर ऐसी ‘खोरी’ कम हुई है ! सरकारी राशन दुकानदारों ने भी खूब बल्ले भाँजे, जब धड़े गए, तो राशन ढंग से आवंटित हुई !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.