धर्म-संस्कृति-अध्यात्मलेख

बिहुला-विषहरी और मंजूषा चित्रकला

बांग्ला व फसली संवत-साल के भाद्रपद संक्रांति दिवस (17 या 18 अगस्त) को माँ बिहुला पूजा अथवा मनसा देवी व विषहरी पूजा बिहार, झारखंड और प. बंगाल के उस जिला में प्रचलित है, जो चंपानगर (वर्त्तमान भागलपुर) के निकटस्थ है । यह क्षेत्र ‘अंगिका पट्टी’ भी कहलाता है ।

लोक मान्यता के अनुसार, भगवान शिव की मानस पुत्री ‘मनसा’ व साँप से खेलने के कारण नाम ‘विषहरी’ के अहं को, जो यह समझती थी कि सभी देवी-देवताओं की पूजा होती है, उनकी क्यों नहीं होती ? — इस अहं की टकराहट चंपानगर के बड़े व्यवसायी चंद्रधर से येन-केन पूजा लेने के लिए हद तक चली जाती हैं और उनके एकमात्र पुत्र बाला लखींद्र को साँप से डंसवा कर मार डालती है, तब लखींद्र की धर्मपत्नी बिहुला अपने पति के मृत शरीर को लेकर खुद (सदेह) यमराज के पास चली जाती है, जहाँ चंद्रधर सौदागर द्वारा मनसा की बाँये हाथ से पूजा किये जाने पर ही यमराज बाला लखींद्र को जीवित कर देता है । कथा-सारांश यही है !

सती बिहुला-विषहरी की कथा को लेकर भागलपुर और निकटवर्ती क्षेत्र में ‘सिक्की’ से ‘मंजूषा चित्रकला’ भी प्रसिद्ध है! हमारे क्षेत्र में ‘चिकना’ (तीसी) भरी रोटी, कच्चू पत्ता की पेटी की सब्जी प्रचलित है । कहा जाता है, यह भादो में साँप जनित घटनाओं से निजात पाने हेतु पारम्परिक व्रत भी है ।

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.