लेखसामाजिक

बुढ़ापे तक होती है प्यार-तकरार

नहाय-खाय के साथ दिनांक 7 फ़रवरी से प्यार का पर्व ‘वैलेंटाइन-डे’ शुरू हो गई जो की वास्तविक रूप में 14 फ़रवरी को पूरे नशे में पूरी दुनिया में मनाई गई लेकिन ‘प्यार का पर्व’ यही खत्म नहीं हुआ– ‘मार्केटिंग’ को बढ़ावा देने के लिए ‘उच्च कोटि’ के कारोबारी ने प्यार के इस पर्व में ग्रीटिंग-कार्ड्स , गिफ्ट आदि के नखरे मार्किट में उतार दी , जिससे उनके पैकेट भरने लगे और आम नागरिक का पैकेट ढीला होने लगी ! एक गाना है –ये जो पब्लिक हैं वह सब जानती हैं पर फिर भी ‘बेवकूफ’ बन जाती है क्योंकि वैलेंटाइन-वीक के बाद ‘एंटी-वैलेंटाइन वीक’ भी वे मनाने लग जाते हैं — कभी ‘स्लैप डे के रूप में तो कभीे ब्रेकअप-डे’ के रूप तक तक यानी प्यार पसंद नहीं आया तो छोड़ भी दे — इजहार करने के बाद वाले सप्ताह में !

हम कहाँ जा रहे हैं –खासकर हमारे युवा-पीढ़ी ! वे ‘इन्ही-डे’ के चक्कर में फंस कर आने वाले एग्जाम की तैयारी नहीं कर पाते है जिसके कारण ‘टोपर’ बनने के लिए वे गलत रास्ता अख्तियार कर लेते हैं ! क्या सिर्फ ‘प्यार-तकरार’ की पर्व में बिजी रहने से हमारा भविष्य उज्जवल हो पायेगी ? या हम यूँ इस तरह युवा बनकर देश का कर्ण धार कहलायेंगे ? क्योंकि ‘वैलेंटाइन’ भी उन्हीं से प्यार करते है जो खुद के लिए कुछ समय निकल पाएं …!

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.