जनसंख्या-विस्तार की समस्या
(विश्व जनसंख्या दिवस पर विशेष)
छोटी-सी धरती पर देखो,
भीड़ लगी है लोगों की,
खाना-कपड़ा-पानी-बिजली,
घर को तरसते लोगों की.
अज्ञानी-अनपढ़ लोगों की,
संख्या बढ़ती जाती है,
बीमारों और बेकारों की,
संख्या चैन गंवाती है.
(विश्व जनसंख्या दिवस पर विशेष)
छोटी-सी धरती पर देखो,
भीड़ लगी है लोगों की,
खाना-कपड़ा-पानी-बिजली,
घर को तरसते लोगों की.
अज्ञानी-अनपढ़ लोगों की,
संख्या बढ़ती जाती है,
बीमारों और बेकारों की,
संख्या चैन गंवाती है.