बाल कविता

जनसंख्या-विस्तार की समस्या

                                                       (विश्व जनसंख्या दिवस पर विशेष)

छोटी-सी धरती पर देखो,
भीड़ लगी है लोगों की,
खाना-कपड़ा-पानी-बिजली,
घर को तरसते लोगों की.
अज्ञानी-अनपढ़ लोगों की,
संख्या बढ़ती जाती है,
बीमारों और बेकारों की,
संख्या चैन गंवाती है.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244