5 वचनस्पर्शी कविताएँ
1.
रिकॉर्डहोल्डर पीएम
चंद्रयान 2 से ख्याल आई
कि देश-विदेश की
यात्राओं के रिकॉर्ड बनानेवाले
पीएम साहब
अगर अंतरिक्ष यात्री बन जाते,
तो विश्व रिकॉर्ड भी कायम हो जाते !
पहला अंतरिक्ष यात्री प्रधानमंत्री बनकर !
….यह रिकॉर्ड कभी टूटते भी नहीं !
2.
न देह स्पर्श !
इसबार ‘रक्षाबंधन’
नहीं मना रहा हूँ,
बहनों को मना कर दिया है,
क्योंकि
कलाई यानी देह स्पर्श होंगे !
क्योंकि देह से दूरी,
अब भी जरूरी !
अभी दूरी ही,
जीवन को करेगी पूरी !
3.
राखी क्यों ?
राखी क्यों ?
महिला अब अबला नहीं !
महिला रणचंडी, काली
और रानी झाँसी, दुर्गा भाभी !
अहिल्याबाई को त्यागकर
गौतम मुनि ने ठीक नहीं किया,
वो तो इंद्र का कपट रूप था !
इसलिए धोखे से कुकृत्य किया
इंद्र ने,
अन्यथा वह अबला नहीं है !
वे राखी नहीं,
भाइयों को शस्त्र देंगे !
युद्धघोष के लिए !
4.
रामनाम सत्य
उन्होंने कभी
आराम नहीं किया,
आरा और राम
राम तो चहुँओर है,
नेपाल ही क्यों ?
अयोध्या के राम को
कहीं भी ले जाओ,
चाहे इंडोनेशिया या लंका !
ब्रह्म सत्य, जगत मिथ्या !
अन्यथा, रामनाम सत्य है !
5.
विद्यमान हवा
हाथ पंखा हो
या बिजली पंखे !
कोई भी हवा को लाते नहीं,
अपितु हवा को गति देते हैं !
हवा तो पहले से विद्यमान है,
वो तो ग्लोबल वार्मिंग ने इसे
थिर कर रखे हैं !
तभी तो हवा को गति
गतिमान अंग या वस्तु ही देते हैं !