कागजी औरत ?
जब किसी न किसी औरत से दंश झेलना ही है, तो क्यों न सूरमा और सुरमई औरत की निकटता ग्रहण की जाय ? कैनवास को चाहिए- महज़ एक औरत । कागजी औरत !! कविता रचती औरत चूँकि देह की नुमाइश पर भी पकड़ बनाई रहती है, इसलिए कैनवास को अपेक्षित दंश-भय के रहते हुए भी अमृता के साथ को स्वीकारना पड़ा ! ……और इस पिंगले को पीछे धकेल दिया गया, जिनमें यह कहा जाता रहा है कि एक लड़का और एक लड़की आपस में सहज मित्र बगैर यौन-सहवास के हो या बने, मुश्किल है । हो सकता है, यह असंभव भी हो, क्योंकि ऐसी दोस्ती में सहजता का आना सिर्फ त्रिकोणीय प्रेम की परम्पराओं द्वारा ही संभव हो सका है, अन्यथा नहीं ! हाँ, प्लेटोनिक लव अमूर्त्तन स्थिति को अभिव्यक्त करता है।