मंदिर बनेगा
श्री राम का मंदिर बनेगा
हृदय में अभिमान जगेगा
दिशाएं उद्घोषों से गुंजायेगी
ध्वनि जयश्रीराम की आयेंगी
सदियों का वनवास हटेगा
बुरी यादों का भार मिटेगा
भक्तों को ये अच्छा लगेगा
दुष्टों को जो सच में खलेगा
बीत गई अब काली सदी
इठला रही है तमसा नदी
झुका सिर फिर से तनेगा
बलिदानों का फल मिलेगा
भारत का स्वाभिमान जगेगा
श्री रघुनाथ का मंदिर बनेगा
मेरे राम का मंदिर बनेगा
तेरे राम का मंदिर बनेगा
हर्षायेगी नगरी अयोध्या
भगवान का मंदिर बनेगा
त्योहार दीपोत्सव सा मनेगा
सियाराम का मंदिर बनेगा
— व्यग्र पाण्डे