5 उपास्य क्षणिकाएँ
1.
काँव-काँव
और कर ही क्या सकते हैं ?
फेसबुक पर पत्रिका छापकर
कौन सा तीसमार खां बने हैं ?
काँव-काँव ! काँव-काँव !
2.
मंत्र का आशय
वसुधैव कुटुम्बकम मंत्र का अर्थ
‘चीन’ ने अलग समझा,
वे पूरी धरती को
ऐसा परिवार माने
कि दूसरे की जमीन को
अपना बता
विस्तार में लग गए !
3.
निशाने पाकिस्तान
पाक ने सर्वोच्च सम्मान
‘निशाने पाकिस्तान’
अलगाववादी भारतीय
‘शाह गिलानी’ को देकर
कोई तीर नहीं मारे हैं !
‘मोरारजी सर’ भी इसे पाए थे।
4.
मानो तो देव
विज्ञान और तर्क की
कसौटी पर
‘पंथ’ खरे नहीं है,
किन्तु श्रद्धा के मायने अलग हैं,
क्योंकि कहावत है-
‘मानो तो देव, नहीं तो पत्थर’ !
5.
चार बनिये
देश को चार ‘बनियों’ ने
‘विविध आज़ादी’ दिलाए-
गाँधी जी राष्ट्रपिता,
केजरीवाल जी आरटीआई,
श्री नरेन्द्र मोदी पीएम
श्री अमित शाह एचएम !