एक रहेंगे सदा-सदा
एक थे हम सब, एक रहे हैं, एक रहेंगे सदा-सदा
छोटे-मोटे झगड़े चाहे, चलते रहते यदा-कदा-
1.कई सदियों तक राज किया था मुगलों ने इस भारत पर
कैसे कैसे जुर्म सहे थे हमने अपने ही घर पर
अपनी ही हिम्मत से हमने, टाली थी यह भी विपदा
एक थे हम सब एक रहे हैं, एक रहेंगे सदा-सदा–
2.आए जो व्यापारी बनकर वे राजा थे बन बैठे
उन अंग्रेजों के आगे हम सब, दुम दबाकर थे पैठे
आज मगर आजाद हैं हम सब, अब न पड़ेगी यह विपदा
एक थे हम सब एक रहे हैं, एक रहेंगे सदा-सदा———–
3.यह मत समझो सच्ची है यह, हमें मिली जो आजादी
मन से हैं परतंत्र अभी तक, करते अपनी बरबादी
हम परतंत्रता के कलंक को, खत्म करेंगे सदा-सदा
एक थे हम सब एक रहे हैं, एक रहेंगे सदा-सदा———–