शहीद, भारतरत्न, मिस्टर क्लीन और बोफोर्स धमाका !
वह विमान का पायलट ही ठीक था, वह तो देश का पायलट बनना नहीं चाहता था ! यहाँ तक कि वे राजनीति में आना ही नहीं चाहते थे । अगर उनके छोटे भाई की विमान दुर्घटना में मृत्यु नहीं हुई होती, तो वे मुख्यधारा की राजनीति में आते भी नहीं !
आपात-कलंककथा के बाद उनकी माता ने वापसी की थी, लेकिन देश की अंदरूनी हालातों ने माहौल ऐसा बनाया कि उनके अंगरक्षकों ने ‘लौह महिला’ की मौत के घाट उतार दिए ।
अब वे ‘अनाथ’ थे, जिनकी यहाँ चर्चा हो रही है । देश ने उन्हें ‘प्रधानमंत्री’ बनाया और जब लोकसभाई चुनाव हुई तो अकाट्य बहुमत पाए । न हील, न हुज़्ज़त ! ….. और वे कहाए गए– ‘मिस्टर क्लीन’…., PCO, जवाहर नवोदय विद्यालय आदि उन्हीं की देन ! किन्तु यह उपनाम थोड़े दिनों के लिए ही रहा ! ‘मिस्टर क्लीन’ की उपाधि धूमिल होती चली गयी, वे खुद मानने लगे कि केंद्र से जिनके लिए 1 रुपया भेजा जाता है, उन्हें प्राप्त होते हैं, सिर्फ 15 पैसे ! वे भी इस गायब 85 पैसे को खोज नहीं पाए ! फिर उनके मंत्रिमंडल के कद्दावर नेता स्व. वी. पी. सिंह ने ‘विभीषण’ बन बोफ़ोर्स का तोप छोड़ दिया, जिनके मायावी गैस ने सभी विपक्ष को एक कर दिए और आगामी चुनाव से पहले वी. पी. हाई कर गए और वी. पी. सिंह प्रधानमंत्री बने।
उस शख़्स ने, जिनकी यहाँ चर्चा हो रही है– ने अपने कार्यकाल में दक्षिण के अलगाववादियों, आतंकवादियों व LTTE के विरुद्ध बड़ी मुहिम चलाई थी । इन ‘वादियों’ ने ही दक्षिण में उन्हें ‘मानव बम’ से उड़ाकर उनके शरीर को चिथड़े-चिथड़े कर दिया और एकसाथ उन्हें माता, भाई , पिता, नाना, नानी….. सबके पास भेज दिया । रह गयी घर में विदेशी गुड़िया और दो स्वदेशी वेदना के बोल ! …तब काँग्रेस समर्थित सरकार ही केंद्र में थी।
सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री की कम उम्र में हृदयविदारक मौत ! जो हो, भारतरत्न शहीद राजीव गाँधी आज हमारे बीच नहीं है, किन्तु कई कर्त्तव्य-अकर्त्तव्य लिए यह अगस्त माह उनके लिए भी याद रखे जाएंगे ! जन्मदिवस (20 अगस्त) पर शहीद भारतरत्न को नमन और श्रद्धा निवेदन !