कविता

चौकीदार

आने जाने वाले होशियार ।
कि मैं हूँ यहाँ का चौकीदार ।।
            आने जाने वाले होशियार ।
            कि मैं हूँ यहाँ का चौकीदार ।।
बचके रहना मेरे सरकार ।
कि मैं  हूँ यहाँ का चौकीदार।।
             आने जाने वाले होशियार ।
             कि मैं हूँ यहाँ का चौकीदार।।
किसने लिया किसने दिया,
किसने कहाँ माल छुपा रखा है ।
इस दिल में सारी…..,
दुनियाँ का हाल छुपा रखा है ।।
दूर से देखो छुना है मना यार ।
कि मैं हूँ यहाँ का चौकीदार  ।।
            आने जाने वाले होशियार ।
            कि मैं  हूँ यहाँ का चौकीदार।।
  —   मनोजवम

मनोज शाह 'मानस'

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