कवितापद्य साहित्य

सदी का सबसे बड़ा अनुष्ठान

सदी का सबसे बड़ा अनुष्ठान,
जय श्री राम…जय श्री राम,

सदियों बाद यह शुभ घड़ी है आई,
कूर्म शिला के ठीक ऊपर रामलला विराजे,
अयोध्या में बना इतिहास आज़,
करोड़ों रामभक्त हुए गवाह।

नवरत्नों से सजे रामलला आज़,
पांच शताब्दियों के बाद आया यह शुभ दिन,
रामलला के सामने हुए नतमस्तक सब,
गौरव का अहसास हुआ जाग्रत आज़।

खत्म हुआ अब इंतजार आज़,
किया साष्टांग प्रणाम रामलला के सम्मुख,
अब टाट नहीं ठाठ से विराजे मोरे राम,
सबका साथ सबका हाथ।

सदी का सबसे बड़ा अनुष्ठान,
जय श्री राम….जय श्री राम।

मौलिक रचना
नूतन गर्ग

*नूतन गर्ग

दिल्ली निवासी एक मध्यम वर्गीय परिवार से। शिक्षा एम ०ए ,बी०एड०: प्रथम श्रेणी में, लेखन का शौक