वार्षिक डायरी से
बिहार (मनिहारी) से विरार (मुम्बई) तक का सफ़र ! हिंदी फ़िल्मों में पहचान बनाने के सोद्देश्य हाईस्कूली मित्र श्री प्रभाष कवि; जो दो दशक पहले ही अच्छी और सच्ची कद-काठी लिए मनिहारी से अभिनेता गोविंदा के ‘विरार’ पहुँच गए हैं, फिर उनकी फ़िल्माई संघर्ष-गाथा शुरू ! कई फ़िल्मों के लिए प्रभाष जी ने गीत-लेखन कार्य किए हैं ! मराठी फिल्मों के लिए भी इसके प्रसंगश: कार्य किए हैं! उन्हें गीतकार के रूप में यूट्यूब पर देखा-सुना जा सकता है। पुस्तकद्वय ‘पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद’ और ‘लव इन डार्विन’ के साथ श्री प्रभाष कवि।
आशा है, उनके संघर्षों में शीघ्र ही विराम लगेंगे और वे स्थापित गीतकार के रूप में शीघ्र ही पहचाने जाएंगे और फिर से फ़िल्मी क्षेत्र के रूप में ‘मनिहारी’ देश-दुनिया के मानचित्र में आबद्ध होंगे, मेरी अशेष शुभकामना है, मित्र !
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मेरी निजी राय है कि मेरा फेसबुकिया व्यक्तिगत एकाउंट है, तो व्यक्तिगत पोस्ट भी है ! मेरी भी निजी राय हो सकती है, क्यों ? हाड़-मांस का शरीर है, कद कुछ नहीं होती ! ‘थ्री इडियट्स’ फ़िल्म देखे ही होंगे, जिनमें पद्मभूषण आमिर खान मुख्य भूमिका में हैं ! उनमें एक मित्र का भाषण ही बलात्कार और पादने जैसे शब्द लिए है ! वहीं महात्मा गाँधी की आत्मकथा ने सेक्स पर खुली चर्चा की है और रेणु की कहानियाँ पढ़िये, इनमें कई शब्दों की ऐसी भदेस चर्चा है कि आप चौंकते ही चौंकाते जाएंगे ! मेरा पोस्ट भी ‘सत्य के साथ प्रयोग’ है ! ‘गाँ…’ शब्द को गुदा के रूप में कितने लोग समझते हैं ? परंतु हाँ, हम मादाजन्य शब्दों को कुत्सित होने से बचाता हूँ ! अस्तु, स्वांत: सुखाय को परिबद्धीयता के बावजूद राष्ट्र से बड़ा किसी को नहीं समझता!
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“सुनूँ क्या ‘सिंधु’ गर्ज़न तुम्हारा !” (राष्ट्रकवि दिनकर)
लेकिन आज पुसरला वेंकट सिंधु का गर्ज़न पूरी दुनिया ने सुनी…..
विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतनेवाली पहली भारतीय महिला बनी, गत वर्ष उपविजेता थी। पी वी सिंधु के माता-पिता यानी दोनों विविध खेलों में खिलाड़ी रह चुके हैं !
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