कविता

सदाबहार काव्यालय: तीसरा संकलन- 7

टाइम नहीं है  (कविता)

आज जब बैठा मैं लिखने अपने विचार,
लिखना तो बहुत था पर लाइनें लिखीं दो-चार,
ऐसा क्यों हुआ क्या बताऊँ मेरे यार,
दरअसल मेरे पास, टाइम नहीं है.

ज़्यादा लिख के भी क्या होता जनाब,
थोड़ा पढ़के छोड़ देते आप,
ये कोई चुटकुला तो है नहीं,
कि पढ़के फ़ॉर्वर्ड करते,
पूरा पढ़ने का तो आप के पास भी, टाइम नहीं है.

आपसे क्या करूँ शिक़ायत,
ज़ाहिर है मुझ पे ये असलियत,
आजकल जहां भी देखो,
किसी के भी पास, टाइम नहीं है.

भाषणों, उद्घाटनों और जुमलों के लिए तो बहुत टाइम है,
नेताओं के पास पब्लिक के लिये, टाइम नहीं है.

नेताओं को खुश रखने और साधन जुटाने में बीतता है समय,
जनता के विकास के लिये अफ़सरों के पास, टाइम नहीं है.

बड़ी बड़ी पार्टियों में लाखों लुटाने का बहुत टाइम है,
अमीरों के पास ग़रीब की भूख मिटाने का, टाइम नहीं है.

ग़रीबों की अपनी कहानी है,
पूरा दिन परिवार के लिये रोटी जुटानी है,
अपने बच्चों की क़िस्मत संवारने का,
उनके पास (सच में), टाइम नहीं है.

अभिनेताओं, खिलाड़ियों और उनके बच्चों के बारे में सब पता है,
पड़ोसियों और रिश्तेदारों का हाल जानने का,
लोगों के पास, टाइम नहीं है.

दोस्तों से घंटों चैटिंग करने का बहुत टाइम है,
बेटे-बेटियों के पास माँ बाप के साथ,
पाँच मिनट बैठने तक का, टाइम नहीं है.

यूट्यूब और नेटफ़्लिक्स देखने के लिए तो टाइम-ही-टाइम है,
बच्चों के पास होमवर्क करने का, टाइम नहीं है.

क़ाश कि इन बातों को कोई रखे याद,
और करे कोई ऐसी घड़ी ईजाद,
जो न सिर्फ़ टाइम बताए, पर टाइम निकालना भी सिखाए,
और सही टाइम पर सबको याद दिलाए,
कि,
अच्छे काम के लिए टाइम यही है,
अच्छे काम के लिए टाइम यही है,
अच्छे काम के लिए टाइम यही है.
-राजेंद्र तिवानी

राजेंद्र तिवानी संक्षिप्त परिचय-
व्यवसाय से आइ.टी. विशेषज्ञ राजेंद्र तिवानी की बचपन से ही लेखन और साहित्य में रुचि रही है. राजेंद्र तिवानी एक अच्छे कलाकार के रूप में भी विख्यात हैं. हिंदी-अंग्रेजी में लेखन के साथ वे मंच पर स्वरचित गीत-कविताएं प्रस्तुत करने में निष्णात हैं. मंच-संचालन का भी उन्हें अच्छा अनुभव हासिल है. श्रोताओं-दर्शकों को बांधे रखने में राजेंद्र तिवानी का जवाब नहीं! अनेक पत्र-पत्रिकाओं में राजेंद्र तिवानी के लेख-कविताएं-कहानियां प्रकाशित होती रहती हैं. गायन-वादन-नृत्य द्वारा समां बांधने वाले राजेंद्र तिवानी ने अत्यंत व्यस्त रहते हुए भी सदाबहार काव्यालय: तीसरा संकलन के लिए कविता लिख भेजी है. पहले भी सदाबहार काव्यालय में राजेंद्र तिवानी की काव्य-रचनाएं प्रकाशित होती रही हैं. राजेंद्र तिवानी को हमारी कोटिशः शुभकामनाएं.

सदाबहार काव्यालय: तीसरा संकलन के लिए कविताएं भेजने के लिए ई.मेल-

[email protected]

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “सदाबहार काव्यालय: तीसरा संकलन- 7

  • लीला तिवानी

    राजेंद्र तिवानी जी, कल, आज और कल की असलियत बयां करती बहुत सुंदर कविता के लिए बधाई. बहुत सुंदर पक्तियां-
    ”करे कोई ऐसी घड़ी ईजाद,
    जो न सिर्फ़ टाइम बताए, पर टाइम निकालना भी सिखाए,”
    यही टाइम निकालना ही तो असली समस्या है. हम अपनी रुचि और शौक के लिए तो टाइम निकाल लेते हैं, लेकिन इंसानियत को पनपाने-दर्शाने के समय टाइम का व्यवधान बीच में आ जाता है. उज्ज्वल भविष्य के लिए हार्दिक कोटिशः शुभकामनाएं.

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