6 मर्मप्रीत क्षणिकाएँ
1.
बिल्ली
‘पेट’ में अगर
‘चूहे’ के बदले
‘बिल्ली’ कूदे,
तब
क्या होगा ?
2.
कविता
कविता एक हो
या लघु हो !
कमतर नहीं,
क्योंकि महत्व तब है,
जब कविता में दम हो !
लम्बी कविता हो,
कई कविताएँ हो,
पर दम ही न हो,
तो बेकार है !
3.
पोस्टमार्टम
होती हैं अन्य अंग भारी,
लेकिन कहावत है-
‘पैर भारी’ होना !
हिंदी कहावत का
पोस्टमॉर्टम करते हुए !
4.
ताश का खेल
क्या आप जोकर नहीं हैं ?
गले में ये कुत्ते की पट्टी
यानी नेकटाई टांगे ?
वैसे ताश के खेल में
जोकर की बड़ी भूमिका है,
बन्धु !
5.
लुंगी डांस
यह मेरा व्यक्तिगत एकाउंट है,
यहाँ मैं मजाकिया अंदाज़ में रहता हूँ !
क्या आप जब
घर पर रहते हैं,
तो जीन्स में रहते हैं,
लुंगी में नहीं न ?
6.
कैटेलिस्ट
सादर आभार, भाई !
आपने सिर्फ़ 24 घंटे में
सारांशत:
सब कुछ लिख डाले हैं !
इतनी प्रशंसा से हृदय
धड़कना कहीं बंद न कर दे !
बावजूद
आपकी यह समीक्षा
मेरे लिए
कैटेलिस्ट का कार्य करेगी !
पुनश्च, धन्यवाद !