क्षणिका

6 मर्मप्रीत क्षणिकाएँ

1.

बिल्ली

‘पेट’ में अगर
‘चूहे’ के बदले
‘बिल्ली’ कूदे,
तब
क्या होगा ?

2.

कविता

कविता एक हो
या लघु हो !
कमतर नहीं,
क्योंकि महत्व तब है,
जब कविता में दम हो !
लम्बी कविता हो,
कई कविताएँ हो,
पर दम ही न हो,
तो बेकार है !

3.

पोस्टमार्टम

होती हैं अन्य अंग भारी,
लेकिन कहावत है-
‘पैर भारी’ होना !
हिंदी कहावत का
पोस्टमॉर्टम करते हुए !

4.

ताश का खेल

क्या आप जोकर नहीं हैं ?
गले में ये कुत्ते की पट्टी
यानी नेकटाई टांगे ?
वैसे ताश के खेल में
जोकर की बड़ी भूमिका है,
बन्धु !

5.

लुंगी डांस

यह मेरा व्यक्तिगत एकाउंट है,
यहाँ मैं मजाकिया अंदाज़ में रहता हूँ !
क्या आप जब
घर पर रहते हैं,
तो जीन्स में रहते हैं,
लुंगी में नहीं न ?

6.

कैटेलिस्ट

सादर आभार, भाई !
आपने सिर्फ़ 24 घंटे में
सारांशत:
सब कुछ लिख डाले हैं !
इतनी प्रशंसा से हृदय
धड़कना कहीं बंद न कर दे !
बावजूद
आपकी यह समीक्षा
मेरे लिए
कैटेलिस्ट का कार्य करेगी !
पुनश्च, धन्यवाद !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.