बहादुरशाह ज़फ़र
सरकार के विरुद्ध सभी ‘नियोजित शिक्षक’ गोलबंद क्यों हैं ? यही कि इसे सरकार ने कभी भी ‘राष्ट्र निर्माता’ की नजर से नहीं देखा, अपितु सरकार इसे नौकर समझते हैं !
अगर 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के रूप मानते व मनाते हैं, तो सुस्पष्ट है कि यह दिन शिक्षकों की स्वतंत्रता की है, परन्तु उनकी छुट्टी रद्द कर सरकार की तुगलकी फरमान से आखिर मिस्टर तुगलक क्या संदेश देना चाहते हैं ?
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शिक्षक -चाचा जी और उर्दू -पर्सियन अदब के शायर मो. सईदुर रहमान को उनके शिक्षादान-संबंधी विशाल अनुभव के लिए शुभकामनाएं और सादर नमन !
बिहार के सबसे पंचुअल शिक्षक व पीएलएसएनजी हायर सेकेंडरी स्कूल, मनिहारी, बिहार के संस्थापक -शिक्षक रहमान चाचा को मैं तो गुरुकुलीय शिक्षा का ‘बहादुरशाह ज़फ़र’ व अंतिम शिक्षक मानता हूँ…. आपकी स्वस्थता, सानंदता और दीर्घायुजीवन की सुकामना करता हूँ….सलामवलेकुम चचाजान….
प्रिय शिक्षकों को सादर नमन करने के प्रसंगश: बिहार के कटिहार ज़िले की सबसे होनहार शिक्षिकाएँ…. श्वेता जी और नेहा जी…. आप दोनों को भविष्यार्थ शुभमंगलकामनाएँ….