संस्मरण

पक्षपाती गुरुजन

एक विश्वविद्यालय से Ph D करने हेतु  मेरे  शोध-पत्र, जो लोकगाथा और अनुसूचित जाति के लेखकों की ‘आत्मकथाओं’ व साहित्य के  प्रसंगश: था — को लेकर सवर्ण हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. एस. तिवारी, जो शांति निकेतन में डॉ. हजारी प्रसाद द्विवेदी के शिष्य भी रहे थे — ने मुझे हद से ज्यादा ही परेशान किये, अंतत: मैंने सिख गाइड मैडम के प्रसंगश: प्रथम वर्ष का प्रगति-रिपोर्ट जमा किया, किन्तु द्वितीय वर्ष ही तिवारी सर ने मुझपर दबाव और परेशानी इतना बढ़ा कि मैं इसे झेल नहीं सका !

अपने मित्र श्री रूपनारायण सोनकर जी के FB पोस्ट से मैं तो चौंक ही गया कि ऐसा और जगह औरों के साथ भी हो रहा है….
विश्वविद्यालयों में ‘अनुसूचित जाति’ के लेखकों द्वारा लिखी गई ‘आत्मकथाओं’ और उपन्यासों पर शोध करते समय कुछ ‘सवर्ण’ गाईड इन अनुसूचित जाति के शोध छात्रों को जब बुलाते हैं, तो अपमानित करने वाले अंदाज में यानी उनकी शोध-पुस्तक के अनुसार उन्हें पुकारते हैं, यथा-

(1.) ए! ”जूठन” इधर आ!
[शोध-छात्र ‘जूठन’ आत्मकथा (लेखक : श्री ओमप्रकाश वाल्मीकि) पर शोध कार्य कर रहे हैं],

(2.) ए ! “मुर्दहिया” कहाँ जा रहा है ?
[शोध-छात्र ‘मुर्दहिया’ आत्मकथा (लेखक : डॉ. तुलसी राम) पर शोध कार्य कर रहा है],

(3.) ए! ”सूअरदान” क्लास के अंदर आ!
[शोध-छात्र ‘सूअरदान’ उपन्यास (लेखक : श्री रूप नारायण सोनकर) पर शोध कार्य कर रहा है].

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.