आवाज की जादूगरनी : जब वह जीवित थी
माननीया सुषमा स्वराज की स्वर, वक्तृत्व-कला, ओजस्वी वाणी और वाकपटुता के कायल हिंदी संसार हैं । मैं तो उनकी इस पटुता के प्रति दीवानगी की हद तक हूँ । आज वे विदेश मंत्री हैं, मोरारजी देसाई की सरकार में राज्यमंत्री थी, तो वाजपेयी जी की सरकार में कईतरह की कैबिनेट मंत्री रही, दिल्ली की मुख्यमंत्री भी !
अगर वे मंत्री नहीं भी रहती हैं, तो भी मैं उनकी भाषण-कला का दीवाना रहूँगा!
गत दिवस ‘संयुक्त राष्ट्र संघ’ (UNO) में उनकी जो वाणी निकली, उस मिसरी से मैं जिह्वा-आस्वादन से इतर श्रवण-अनुभूति के पुंगव को सुखद-अहसास में परिणत कर रहा हूँ । ….. यानी भारत का स्पष्ट ख्याल और पाकिस्तान चारों खाने चित्त! इसके बावजूद उन्होंने संसारभर की तकलीफों को भी समवेत ‘संवेदित’ कर दृढ़ता प्रदान की !
ऐसी आवाज की जादूगरनी को लंबी उमर मिले ताकि कई वर्षों तक इसतरह की जादुई-स्वर उभरती रहें और हमें ऊर्जस्विन-टॉनिक मिलते रहे!