घरेलू हिंसा
क्या गाँधीजी ने भी पत्नी (कस्तूर बा) पर हाथ उठाये थे ?
तब गाँधीजी उड़ीसा दौरे पर थे, तब पुरी के मंदिर में अनुसूचित जाति के लोगों की प्रवेश पर रोक थी । गाँधीजी ने कस्तूर को यह निर्देश दे रखा था कि वह ऐसी किसी भी जगह नहीं जाय, जहाँ जातिवाद, छुआछूत व भेदभाव होते हैं । किंतु कस्तूरबा महादेव देसाई की पत्नी के साथ मन्दिर को चली गयी। गाँधीजी को बहुत बुरा लगा और उन्हें सदमा पहुँचा । वे कस्तूर पर इतने क्रोधित हो गए कि अंततः उनपर हाथ भी उठा लिये । परंतु बा खामोशी से गाँधी जी की इस हिंसा को झेली ! ‘बा’ भी मौन रहकर इस घरेलू हिंसा का सपोर्ट ही की ?
गाँधी जी के निजी सचिव महादेव देसाई जी ने लिखा है-
“गाँधी का सचिव होना मुश्किल है, मगर गाँधी की पत्नी होना दुनिया में सबसे मुश्किल है।”