कविता कविता अभिषेक जैन 05/10/202006/10/2020 क्या मिलेगा हक सभी को जिदंगी अपने अनुसार जी सके वो॥ चुन सके वो राहे सभी॥ जिनको पाने के सपने हो उनके दिल मे॥ लोकिन वो मिलता नही है॥ गर हकीकत कडवी होती है जिसने पडकर सभी खाब टूट जाते है॥आ — अभिषेक जैन