चार साल मजे लिए और दिए
उपेंद्र साफी जी कहीस है- जुल्म इतना बुरा नहीं,
जितनी बुरी तुम्हारी खामोशी है;
बोलना सीख लो, वरना पीढ़ियाँ गूँगी हो जाएगी !
••••••
सदानंद चौधरी जी के प्रसंगश:, जिधर निकले सिर्फ़ उधर बहारें,
जहाँ रूके बस वहीं फुहारें !
••••••
उन्हीं सहकर्मियों (कॉलीग) के साथ समय बिताएं, जो आपको बेहतर महसूस करवाते हैं ! एक जानकारी भर !
••••••
कवि संजय सिंह जी कहीस- लोग जो भी कहे, पर जब तुम नहीं मिली; मैंने स्वप्न से प्यार किया और उस किताब से; जिसमें तुमने मोरपंख रखे थे !
प्रिय ! कुछ लोग कहते हैं- मेरे प्रेम झूठा है; कुछ मेरे दुःख को भी कहते हैं कल्पित; क्या कहूँ उनसे, जो पूछते हैं तुम्हारे नाम-पता?
••••••
सदानंद चौधरी जी के प्रसंगश:, हम दिलजलों की मस्ती क्या; हसरतों की बस्ती क्या? जिसने बर्बादियों का जश्न मनाया; उन्हें आबादियों की सरपरस्ती क्या?
••••••
2017 में भारत में पहलीबार फुटबॉल महाकुम्भ (under 17 FIFA world cup) का आयोजन होने पर भारत सरकार, खेल प्रेमियों और हम देशवासियों को शुभकामनाएं और बधाइयाँ !
ध्यातव्य है, वर्ल्ड कप में भारत ने पहला मैच भले ही अमेरिका से 3-0 से हार गया, किन्तु भारत के लिए यह पहला अनुभव था और गोल को ज्यादा बढ़ने नहीं दिया । …फिर भारत ने खेलप्रेमियों सहित अमेरिकी खिलाड़ियों के दिल बेहद करीब से जीत लिये ।
••••••
4 साल मज़े लिये, मज़े दिये!
चुनावी साल ही सभी घटनाक्रम क्यों होते हैं?