कविता

नारी सम्मान

नारी बेटी है
बहन है,मां है,पत्नी है,
नारी के विविध रूप हैं,रिश्ते हैं
भारतीय संस्कृति में
नारी की पूजा होती है।
परंतु नारियों के साथ
दुर्व्यवहार ,अत्याचार भी होते हैं
नारी का सम्मान जरूरी है,
लोक कल्याण, समाज के लिये
नारी का मान जरूरी है।
सोचने की जरुरत है
क्या हम अपने इष्टों का
अपमान करते हैं?
उन पर अत्याचार करते हैं?
नहीं न!
तो फिर हम क्यों
जिस कन्या/नारी को पूजते हैं,
उस पर तमाम अत्याचार भी
रोज ही करते हैं।
सोचिए, विचारिये
नारी की पूजा, सम्मान कीजिए
अन्यथा आपको सौगंध है
अपने इष्टों की पूजा,
सम्मान करना छोड़ ही दीजिये।
★ सुधीर श्रीवास्तव

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921